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हिंदी गीत

तू ठहर तू ठहर ए नाकाम परेशां तू ठहर तू ठहर छोड़ न जा इन बहारों को झाक़ी         तू ठहर त…

सस्ती होती आम जिंदगी

आम आदमियों की जिंदगी कितनी सस्ती हो गई है इसका अनुभव पिछले कुछ घटनाओं से मालूम पड़ता है…

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