कानून से सम्बंधित बात किय जाये तो सबसे पहले अदालत का चेहरा सामने आता है और उसके बाद न्याधीश और वकीलों का | वकीलों की बात की जाये राम जेठमलानी का नाम मशहूर लिस्ट आता है, लिकिन किसी सरकारी वकील की बात की जाये तो १५ वर्ष पूर्व किसी आम जनता से पूछा जाये तो वो नहीं का बराबर था| आज सरकारी वकील की प्रतिभा को किसी वकील ने मशहूर किया हो तो वो नाम है अधिवक्ता उज्वल निकम.
उज्वल निकम यह नाम
ज्यदातर लोगों को मालूम है और जो देश भावना से प्रेरित है उसे तो पक्का मालूम है
क्यों की यह वकील ऐसे केस की पैरवी कर रहे थे जो पुरे पंधरा साल तक इसकी परिणाम की
राह देख रहे थे जाहिर है उजवल निकम १९९३ की मुंबई धमाके की सर्कार की तरफ
से केस लड़ रहे थे जो एक मात्र आरोपी और
गवाह जिन्दा पकडा गया था | बात यह नहीं थी की उसे कठोर सजा दी जाये बल्कि
बात यह थी की आरोपी कसाब के तार कहा-कहा जुड़े थे| उजवल निकम ने साबित किया की यह
देश विरोधी साजिश पाकिस्तान की थी
प्रधान मंत्री मोदी को अपने आने वाले कार्यकाल में कानून मंत्रालय का विशेष योगदान या महत्व रहने वाला है इसलिए मंत्रालय ऐसे वकील मंत्री की उन्हें जरुरत पड़ेगी जो कानून की बारीकिया जानता हो या फंसे हुए पेच को निकल सके | मोदी जी नजर उज्वल निकम इसलिए पड़ी ताकि उन्हें आने वाले दिनों में कुछेक कानूनों में बदलाव करना है या बदलने है | कुछ उद्योग क्षत्र के कानून बदलने है और पिछले टर्म में नया मंत्रालय स्थापित किया जो सहकार उद्योग से जुडा है उसमे काफी नया कानून का प्रावधान करना है \ इसलिए पुरे पांच साल मोदी जी को कुशल और नेक वकील की जरुरत पड़ेगी जिसके कारन BJP ने उन्हें मुंबई से टिकट दी जिसपर पहला हक़ पंकजा मुंडे का बनता था लिकिन बीजेपी है की व्यक्ति को महत्व नहीं देती उसके काम को परिभाषित करती है
देश के हाई प्रोफाइल
केस में उज्वल निकम ने आंतर रास्ट्रीय हस्तेक्षेप को उजर किया जो आंतकवादी को
प्रश्रय देते है या उसमे उनका हाथ होता है| उजवल निकम पैसे से ज्यादा देश हित को
सर्वपरी रखते है | इसका अंदाजा मुझे इस बात से आया की अमेरिका के हेडली का बयान
उज्वल निकम को चाहिए था लिकिन सरकारी एजेंसीज इसकी व्यवस्था करने में तालम
टोल कर रही थी तो उन्होने मुख्यमंत्री
फडनविस से डायरेक्ट बात की और कुछ ही दिनों में अमेरिका में NIA की सहायता से वहा
की बुरोक्रेतेस से मिले और हेडली से बयां लिए |
उज्वल निकम अब मुबई
से काफी परिचित है (उनका कार्यकाल जलगाँव रहा है ) जो मुंबई के डॉन गैंग अपराधीकरण
को कानून द्वारा नेस्तनाबुत कर सके, भू माफ़िया को नियंत्रित कर सके | उम्मीदों की
लिस्ट में वे कितने सफल होते यह तो समय ही बता पायेगा जब वे ४ जून विजयी होंगे और मंत्री मंडल में उनका नाम
आएगा |
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